दर्द

दर्द के मारे हैं सभी,
ऐसा कोई नहीं,
जिसे दर्द की मार न पड़ी।

कभी दिल में दर्द,
कभी शरीर में दर्द,
कभी मस्तिष्क में दर्द।

दर्द के अपने पैमाने होते,
दर्द में सभी हैं रोते,
मन की खुशी को खोते।

दर्द को दर्द जान लो,
इसे तुम अपना मान लो,
दर्द से फिर निजात जान लो।

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