मनुष्य हो दानव नहीं

हंस लो,
स्वयं को उमंग से भर लो,
रो लो,
स्वयं को हल्का कर लो,
मनुष्य हो,
     दानव नहीं!
जीवन है,
जीवन में जीवन भर लो,
दुख सह लो,
खुश हो लो,
अभिव्यक्ति को ना दबाओ,
सब कुछ बोलो।
सो लो,
ताज़गी भर लो,
जाग लो,
कुछ पाने को भाग लो,
सबका मन लो,
ऊपर नीचे तोल लो।
ईश्वर नहीं हो,
मानव हो!
कुछ ऐसा कर लो,
सभी दिलों को जीत लो,
कुछ पाने को कुछ खो लो,
कुछ खोने को कुछ पा लो।

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